हिंदी साहित्य का इतिहास लेखन की परंपरा शिव सिंग सेंगर KA शिव सिंह सरोज
गार्सा डा तासी के इस्त्वार दे एन्दुई अ इंदुस्तान " के पश्चात् एक और विद्वान शिव सिंग सेंगर ने इस दिशा मैं प्रयास किया,
शिव सिंह सेंगर ने " शिव सिंह सरोज " नामक एक एतिहासिक ग्रन्थ लिखा इसमें एक हजार कवियो का परिचय व् उधाहरण दिए गये है , किसी भारतीय विद्य्वान के द्वारा किया ये इस दिशा में पहला प्रयास है, यही हिंदी विद्वानों में काफी चर्चित रहा है
विशेषताए :
शिव सिंह सेंगर ने " शिव सिंह सरोज " नामक एक एतिहासिक ग्रन्थ लिखा इसमें एक हजार कवियो का परिचय व् उधाहरण दिए गये है , किसी भारतीय विद्य्वान के द्वारा किया ये इस दिशा में पहला प्रयास है, यही हिंदी विद्वानों में काफी चर्चित रहा है
विशेषताए :
- इस ग्रन्थ की तिथि के बारे में काफी विवाद है कई विद्य्वान इसे विश्वशनीय नहीं मानते ,
- इस ग्रन्थ के माध्यम से हिंदी की कविताओ का एक अच्छा संकलन प्रकाश में आया है,
- कवि खोज का YAH सर्वप्रथम प्रयास है
- कवियो का जीवन परचय देकर उनकी कविता से उद्धहरण भी दिए है , जिससे कवि परिचय स्पस्ट रूप से सामने आया है
- इस इतिहास में भी कवियो का व्रत अकारादि क्रम से है, इतिहास की वग्यानिकता इसमें भी नहीं है
- हिंदी के परवर्ती इतिहास लेखन कर्ताओ ने इस ग्रन्थ को अपना आधार बनया है,
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