हिंदी साहित्य का इतिहास लेखन की परंपरा शिव सिंग सेंगर KA शिव सिंह सरोज

गार्सा डा तासी के  इस्त्वार दे एन्दुई अ इंदुस्तान " के पश्चात् एक और विद्वान शिव सिंग सेंगर ने इस दिशा मैं प्रयास किया,
शिव सिंह सेंगर ने " शिव सिंह सरोज " नामक एक एतिहासिक ग्रन्थ लिखा इसमें एक हजार कवियो का परिचय व् उधाहरण दिए गये है , किसी भारतीय विद्य्वान के द्वारा किया ये इस दिशा में पहला प्रयास है,  यही हिंदी विद्वानों में काफी चर्चित रहा है

विशेषताए :
  1. इस ग्रन्थ की तिथि के बारे में काफी विवाद है कई विद्य्वान इसे विश्वशनीय नहीं मानते , 
  2. इस ग्रन्थ के माध्यम से हिंदी की कविताओ का एक अच्छा संकलन प्रकाश में आया है, 
  3. कवि खोज का YAH सर्वप्रथम प्रयास है 
  4. कवियो का जीवन परचय देकर उनकी कविता से उद्धहरण भी दिए है , जिससे कवि परिचय स्पस्ट रूप से सामने आया है 
  5. इस इतिहास में भी कवियो का व्रत अकारादि क्रम से है, इतिहास की वग्यानिकता इसमें भी नहीं है 
  6. हिंदी के परवर्ती इतिहास लेखन कर्ताओ ने इस ग्रन्थ को अपना आधार बनया है, 

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