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मार्च, 2017 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

DELHI GOVERNMENT SCHOOL ANNUAL CALENDAR 2017-18

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DELHI GOVERNMENT SCHOOL ANNUAL CALENDAR  2017-18  DELHI GOVERNMENT SCHOOL ANNUAL CALENDAR  2017-18 

DELHI GOVERNMENT SCHOOL HOLIDAY LIST SESSION 2017-18

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DELHI GOVERNMENT SCHOOL HOLIDAY LIST SESSION 2017-18

Hotel management Party Invitation ADHM Project PPT

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AAM AADMI

जुलाई  माह आ गया था इस बार मेघराज कुछ देर से प्रथ्विवासियो पर  अपनी किरपा  द्रष्टि डाल रहे थे उमस से बुरा हाल था प्रथ्वी से भी गरम वाष्प निकल रही थी प्यास से गला सुख रहा था रुक रुक के दो चार बूंदों के छींटे आसमान से गिर रहे थे और गर्म तवे पर पड़ने वाली पानी कि बूंदों से जो प्रक्रिया होती है वो दो चार बूंदों कि छींटे वही कार्य कर रही थी और ऐसे में मेघराज कुछ ऐसे लग रहे थे जैसे की किसी गठबंधन वाली सरकार के  साथ प्रत्यछ रूप से जुडी छोटी राजनीतिक दल,  बात न बात अपनी उपस्थिति  उनमे दर्ज  करा रहे थे पर पूर्ण रूप से सामने भी न आ रहे थे और पीछे भी न जा रहे थे अब जब समय आया तो काफी मान मनोव्वल के बाद जैसे वो राजी हुए और थोड़ी सी किरपा उन्होंने इस धरती पर आज की थी, जैसे कह रहे हो की ए० सी०  लगा लगा कर तुम लोगो ने ग्लोबल वार्मिंग तो बढ़ा ही दी है अब मेरी क्या जरुरत,  अब अमीरों को अपने व्यक्तिगत वातानूकुलित कक्ष और माध्यम वर्ग को बी.पि. ओ के वातानूकुलित सयंत्र की आदत पड़ गई है तो मेरी क्या जरुरत तो एक प्रश्न मन में उठा महाराज फिर गरीबो का क्या होगा, गरीबो के तो आप ही भगवान हो  तभी मेरे सामने एक धुंध

BEWFAAI SHER FARAZ

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Mehak kya hai fizaao se pucho…. Pyaar kya hai mere dil se pucho…. Tadap kya hai mere deewangi se pucho…. Hum kitne tanha hai tumhare bina…. Ye bhari mehfil se pucho ======= wo baat baat pay deta hai Parindoun ki misal Faraz saaf saaf nahi kehta mera sheher hi chor do Tumhari ek nigah se qatal hotay hain log Faraz,…! Ek nazar hm ko bhi dekh lo k tm bin zindagy achi nahi lagti Ab use roz na sochoon to badan toot'ta hai Faraz Umar guzri hai uss ki yaad ka nasha karte  Aik nafrat hee nahi duniya mein dard ka sabab Faraz… MOHABBAT bhi sakoon walon ko bari takleef deti hain Hum apni rooh tere jism mein he chhor aye Faraz…. Tujhy galay se lagana tu ek bahana tha… Mana k tum Guftago k fun main mahir ho Faraz. Wafa kay lafz pay atko to humhain yaad kar lena Zamanay k sawalon ko main huns k taal du faraz, Lakin nami ankhon ki kehti hai “mujhe tum yaad aate ho” Apne hi hote hain jo kil pe war karte hai