आजादी का दिवस आम आदमी

आज स्वंत्रता दिवस है, लेकिन किसकी स्वतंत्रता हम लोगो की या उन भ्रष्ट नेताओ की जिन्हें आजादी के बाद खुल के खेल खेलने का अवसर मिल गया , हम तो सिर्फ उन लोगो को देख रहे है की वो कैसे आगे बढ़ते जा रहे हो उनके स्विस बैंक अकाउंट किस तरह से बढ़ रहे है , उनकी गाडियों के काफिले में और कितनी  नई गाड़िया और लाल बत्तिय जुडती जा रही है , कितने और कमांडो और सिक्यूरिटी वो लोग प्राप्त कर प् रहे है, शायद हम हिंदुस्तान के आजाद वासी तो ये देखने काल लिए ही स्वतन्त्र हुए ,  प्रजातंत्र के तंत्र को किस तरीके से अपने लायक मोड़ा त्रोड़ा जा सकता है ये हमने स्वतंत्रता के पश्चात् से निरंतर देखा है , और आगे भी देखते रहेंगे ,  सभी प्रसन्न हैं ,  आम आदमी तो केवल इसी में खुस है की आज उसे एक छुट्टी मिली चाहे उसका वेतन उसे न मिले , हा जनता हु स्वंत्रता दिवस की छुट्टी का वेतन DENA हमारे कानून  में है , किन्तु इस नियम का पालन कितने प्राइवेट कंपनी वाले करते है ये तो सिर्फ वो ही जानते है जो लोग किसी प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते है ,  भ्रष्ट सरकारी विभाग अब उन संस्थोनो को क्यों जुरमाना लगायेगे जो उन्हें माह के अंत में एक मोती रकम देते है , तो हम लोगो को तो वो एक छुट्टी तक भी नहीं नसीब हो रही,  मेरा कहना सिर्फ इतना सा है की ये आजादी का दिवस आम आदमी काल लिए न होकर केवल भ्रष्ट नेताओ का दिवस बन गया है, शायद हमेशा से ही था ,

टिप्पणियाँ

  1. इस नए सुंदर चिट्ठे के साथ आपका ब्‍लॉग जगत में स्‍वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!

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  2. हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
    कृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें

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