चुनावी चाँद बनाम अमावस्या
सर्वप्रथम राहुल जी को नमन उम्र में बड़े होने के कारण व् भारतीय परंपरा व् संस्कृति के दुर्लभ प्राय कुछ अंश जो राजनीती में घडियाली आंसू कि तरह चुनावी ऋतू में दीखते है, तथा जिन्हें अभी राजनीती का चस्का नहीं लगा है उन राजनीती से अछुते लोगो में जो भारतीय परम्परा व् संस्कृति के अंश अभी तक जीवित है उनके फलस्वरूप आपको जी कह कर व् नमन कर अपने विचार प्रकट कर रहा हूँ, (अगर नेताओ कि भाषा जैसे वो संसद से लेकर अपने भाषणों में बोलते है प्रकट करने लगूं तो मेरा ये छोटा सा ब्लॉग २ दिन के भीतर बंद हो जायेगा) तत्पश्चात आपको नेता बनने कि बधाई देता हूँ नेता बनने के लिए जो भी विशेषताएं किसी व्यक्ति में होनी चाहिए वो अब आपमें पूरी तरह लक्षित हो रही है, और नेताओ कि तरह आप भी चुनावी चाँद बन चुके है तथा जहां भी चुनाव नज़र आते है वही आपके दर्शन हो जाते है बाकि जगह आपके दर्शन दुर्लभ ही है तो बधाई हो आपको जो आपने नेताओ कि प्रथम विशेषता को आपने पूर्ण रूप से आत्मसात कर लिया है | आज कल आपके द्वारा व्यक्त विचारों में से कुछ विचार खबरों के रूप में में प्रस्तुत कर रहा हूँ और अत्यंत विवश हो कर जी हाँ क्योंकि कभी